➤ उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली में बादल फटने से तबाही
➤ 20 वर्षीय युवती की मौत, एक व्यक्ति लापता, राहत-बचाव जारी
➤ राजस्थान-हिमाचल में भी भारी बारिश का अलर्ट, सैकड़ों सड़कें बंद
उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली क्षेत्र में शुक्रवार देर रात आसमान से आफत बरसी। रात करीब साढ़े बारह बजे के बाद बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया। भारी बारिश और तेज बहाव का पानी अपने साथ विशाल मलबा लाते हुए घरों और दुकानों में घुस गया। एसडीएम आवास समेत कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और दर्जनों गाड़ियां मलबे में दब गईं।

चमोली के एडीएम विवेक प्रकाश ने जानकारी दी कि सागवाड़ा गांव की 20 वर्षीय युवती की मलबे में दबकर मौत हो गई है, वहीं एक व्यक्ति का अब तक पता नहीं चल पाया। रात को ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। स्थानीय लोग भी पूरी ताकत से मदद में जुटे हैं।

तुनरी गधेरा में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है और मलबा पिंडर नदी तक भर गया है। कर्णप्रयाग-ग्वालदम नेशनल हाईवे मिंग गधेरा के पास भारी पत्थर गिरने और मलबा आने से बंद हो गया है। थराली बाजार, कोटदीप तहसील परिसर और चेपड़ों बाजार में कई दुकानें व मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। तस्वीरों में साफ दिखता है कि भारी पत्थर और टूटे पेड़ रिहायशी इलाकों तक आ पहुंचे हैं। कई परिवार सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं।

इसी बीच, राजस्थान के 11 जिलों में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। चित्तौड़गढ़, टोंक, बारां, सवाई माधोपुर, झालावाड़, कोटा, बूंदी, डूंगरपुर और भीलवाड़ा जिलों में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है।

हिमाचल प्रदेश में भी 23 से 26 अगस्त तक भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। यहां अब तक मानसून के दौरान 347 सड़कें बंद हो चुकी हैं और 295 लोगों की मौत दर्ज की जा चुकी है। राज्य सरकार और प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में हैं।

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मौसम विभाग ने ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों के कुछ इलाकों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। हालांकि राहत की खबर यह है कि रविवार से बारिश की रफ्तार धीमी पड़ने का अनुमान है। 24 अगस्त को केवल शिमला, मंडी और सिरमौर में एक-दो स्थानों पर ही बारिश की संभावना जताई गई है जबकि 25 अगस्त को मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। लेकिन 26 अगस्त को फिर से कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और किन्नौर में येलो अलर्ट जारी हुआ है।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार प्रदेश में अब तक 316 सड़कें बंद, 110 ट्रांसफार्मर ठप और 131 पेयजल योजनाएं प्रभावित रहीं। राजधानी शिमला में शुक्रवार को हल्के बादलों के बीच दिनभर धूप खिली, वहीं कांगड़ा जिले में दोपहर तक मौसम साफ रहा लेकिन शाम को धर्मशाला में तेज बारिश हुई। पिछले 24 घंटों में जिले में 31 घरों और 25 गोशालाओं को नुकसान हुआ है।
चंबा जिले में धूप खिलने से श्रद्धालुओं ने होली-भरमौर हेलीपैड से हेली टैक्सी सेवा का लाभ उठाकर गौरीकुंड यात्रा पूरी की। वहीं, कुल्लू जिले में दो दिनों से मौसम शुष्क बना हुआ है, हालांकि लगवैली और अन्य क्षेत्रों में बिजली व पानी की आपूर्ति प्रभावित है। जिले में भूस्खलन के कारण करीब 100 सड़कें बंद हैं। बंजार में एनएच-305 पर पहाड़ी से मलबा गिरने से आठ घंटे तक यातायात बाधित रहा।
दूसरी ओर, ऊना और हमीरपुर में मौसम साफ रहने से लोगों ने राहत की सांस ली है और खेतों में खेती-बाड़ी के काम तेजी से शुरू हो गए हैं।



